UPPSC PCS Syllabus | यूपीपीएससी पीसीएस सिलेबस (प्रीलिम्स और मेन्स) पीडीएफ - SSC NOTES PDF

UPPSC PCS Syllabus | यूपीपीएससी पीसीएस सिलेबस (प्रीलिम्स और मेन्स) पीडीएफ

UPPSC PCS Syllabus in Hindi – संयुक्त राज्य / अपर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस) विस्तृत सिलेबस | प्रिय उम्मीदवारों इस लेख में हमने UPPSC PCS प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा का विस्तृत पाठ्यक्रम अपडेटेड परीक्षा पैटर्न के साथ प्रदान किया है।

UPPSC PCS Mains परीक्षा में कुछ संभावित अपडेट्स देखे जा सकते हैं। जल्द ही आपके सामने 2023 का विज्ञापन आयेगा। यदि आप भी यूपीपीएससी की आगामी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं और अभी तक आपको UPPSC पीसीएस पाठ्यक्रम की पूरी जानकारी नहीं है, तो हमारा सुझाव है कि आप इस लेख को पूरा पढ़ें। दोस्तों, आप जानते हैं कि आजकल प्रतियोगी परीक्षाएँ कठिन होती जा रही हैं, और UPPSC PCS जैसी परीक्षा को पास करना कोई आसान काम नहीं है। लेकिन अगर आप सही दिशा में कड़ी मेहनत करते हैं तो आप इस परीक्षा को पास कर सकते हैं।

No.-1.अभ्यर्थियों, किसी भी परीक्षा में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए हमारा पहला कदम होना चाहिए की हम परीक्षा के पैटर्न को अच्छी तरह से समझे, परीक्षा के पाठ्यक्रम को अच्छी तरह से जाने, और फिर एक संगठित अध्ययन योजना के साथ उसका पालन करना है।

No.-2. इसीलिए यहां हमने आपके आसान संदर्भ के लिए इस पृष्ठ पर UPPSC PCS प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा का विस्तृत पाठ्यक्रम अपडेटेड परीक्षा पैटर्न के साथ साझा किया है।

No.-3. आप यहां से UPPSC PCS (प्रीलिम्स एंड मेन्स) परीक्षा पाठ्यक्रम पीडीएफ भी डाउनलोड कर सकते हैं और UPPSC पीसीएस 2022 लिखित परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए अपनी तैयारी की रणनीति को और मजबूत कर सकते हैं।

No.-4. प्रिय उम्मीदवारों यह पोस्ट थोड़ी लंबी होने वाली है क्योंकि हम आपको UPPSC PCS परीक्षा के सभी अनुभागों का विस्तृत पाठ्यक्रम प्रदान कर रहे हैं, लेकिन आप अपनी रुचि के अनुभाग में जा सकते हैं। आपके आसान संदर्भ के लिए, हम इस पोस्ट में महत्वपूर्ण सामग्री की तालिका प्रदान कर रहे हैं।

UPPSC PCS Selection Process

No.-1. UPPSC PCS परीक्षा के सभी चरणों की गहन समझ UPPSC प्रोविंशियल सिविल सेवा परीक्षा को पास करने की राह पर एक अत्यंत महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

No.-2. उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग बोर्ड (यूपीपीएससी) राज्य प्रशासनिक सेवाओं में विभिन्न रिक्तियों को भरने के लिए प्रोविंशियल सिविल सेवा (पीसीएस) की ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करता है।

No.-3. हर साल लाखों उम्मीदवार UPPSC पीसीएस परीक्षा के लिए उपस्थित होते हैं, इसलिए परीक्षा का कठिनाई स्तर काफी कठिन है और इसलिए, आवेदकों को परीक्षा की तैयारी के लिए अपना 100% देना होगा।

UPPSC PCS परीक्षा में तीन प्रमुख चरण शामिल हैं:

No.-1. प्रारंभिक परीक्षा [वस्तुनिष्ठ प्रकार और बहुविकल्पी]

No.-2. मुख्य परीक्षा [पारंपरिक प्रकार, लिखित परीक्षा]

No.-3. साक्षात्कार [व्यक्तित्व परीक्षण]

UPPSC PCS Exam Pattern

No.-1. सबसे पहले, आपको यूपीपीएससी पीसीएस परीक्षा के पैटर्न और अंकन योजना के बारे में पता होना चाहिए जैसा कि पहले कहा गया है कि यूपीपीएससी पीसीएस परीक्षा तीन चरणों में आयोजित की जाती है, अर्थात् प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और व्यक्तिगत साक्षात्कार। अब, आइए एक-एक कर के देखें कि प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू का परीक्षा पैटर्न क्रमशः क्या है।

UPPSC PCS Prelims Exam Pattern

No.-1. प्रारंभिक परीक्षा तीन चरणों की चयन प्रक्रिया का पहला दौर है। यूपीपीएससी द्वारा प्रारंभिक परीक्षा मुख्य परीक्षा के लिए सीमित उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए आयोजित की जाती है। इस चरण में अर्हता प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को ही अगले चरण (मुख्य परीक्षा) के लिए शॉर्टलिस्ट किया जाएगा।

No.-2. UPPSC PCS की प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य अध्ययन के दो अनिवार्य पेपर होते हैं, (i) सामान्य अध्ययन पेपर- I और (ii) सामान्य अध्ययन पेपर- II ।

No.-3. #नोट: पेपर- II एक क्वालिफाइंग पेपर है जिसमें न्यूनतम अर्हक अंक 33% निर्धारित हैं। मुख्य परीक्षा के लिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए पेपर- II में प्राप्त अंकों की गणना नहीं की जाती है।

PaperQues.MarksDuration
सामान्य अध्ययन -I150200120 min
सामान्य अध्ययन -II100200120 min

 #नोट: महत्वपूर्ण बिंदु

No.-1. प्रीलिम्स के दोनों पेपर 200 अंको के वस्तुनिष्ठ प्रकार के होंगे।

No.-2. प्रत्येक पेपर दो घंटे (120 मिनट) की अवधि का होता है।

No.-3. दोनों पेपर में चिह्नित किए गए प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1/3 अंक की नकारात्मक अंकन है।

No.-4. जैसे, यदि किसी प्रश्न के लिए आवंटित अधिकतम अंक 2 है, तो प्रश्न का गलत उत्तर देने पर 0.66 अंक काट लिया जाएगा

No.-5. सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा का पेपर- II एक अर्हक पेपर होगा जिसमें न्यूनतम योग्यता अंक 33% निर्धारित हैं।

No.-6. मूल्यांकन के उद्देश्य से उम्मीदवारों को प्रारंभिक परीक्षा के दोनों पेपरों में उपस्थित होना अनिवार्य है। इसलिए एक उम्मीदवार को अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा यदि वह दोनों पेपरों में उपस्थित नहीं होता है।

No.-7. #नोट: प्रारंभिक परीक्षा मुख्य परीक्षा के लिए सीमित उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए आयोजित की जाती है। प्रारंभिक परीक्षा में प्राप्त अंकों को अंतिम परिणाम (मेरिट सूची) में शामिल नहीं किया जाएगा।

UPPSC PCS Mains Exam Pattern

No.-1. मेन्स परीक्षा सिविल सेवा परीक्षा के दूसरे चरण का गठन करती है। प्रारंभिक परीक्षा में सफलतापूर्वक उत्तीर्ण होने के बाद ही उम्मीदवारों को यूपीपीएससी पीसीएस मेन्स लिखने की अनुमति दी जाएगी।

No.-2. यूपीपीएससी मेन्स परीक्षा में वर्णनात्मक प्रकार के 8 पेपर होते हैं।

No.-3. आइये अब हम विस्तृत UPPSC PCS Mains परीक्षा पैटर्न पर एक नज़र डालते हैं।

S NoSubjectMarksDuration
Paper 1सामान्य हिंदी1503 घण्टे
Paper 2निबन्ध1503 घण्टे
Paper 3सामान्य अध्ययन I2003 घण्टे
Paper 4सामान्य अध्ययन II2003 घण्टे
Paper 5सामान्य अध्ययन III2003 घण्टे
Paper 6सामान्य अध्ययन IV2003 घण्टे
Paper 7सामान्य अध्ययन V2003 घण्टे
Paper 8सामान्य अध्ययन VI2003 घण्टे

 #नोट: महत्वपूर्ण बिंदु

No.-1. मुख्य प्रत्येक पेपर के लिए परीक्षा की अवधि 3 घंटे होगी। यूपीपीएससी मेन्स परीक्षा कुल 1500 अंकों की होगी।

No.-2. सभी आठ पेपर स्कोरिंग प्रकृति के हैं, उनके अंक अंतिम मेरिट सूची में शामिल किए जाएंगे।

No.-3. उम्मीदवारों को पेपर VII और पेपर VIII के लिए वैकल्पिक विषय के रूप में नीचे दी गई तालिका में से किसी एक विषय का चयन करना होता है।

No.-4. एक उम्मीदवार को सामान्य हिंदी के अनिवार्य पेपर में एक न्यूनतम अंक प्राप्त करने की आवश्यकता होगी, जैसा कि सरकार या आयोग द्वारा निर्धारित किया जा सकता है,।

No.-5. यूपीपीएससी पीसीएस मेन्स वैकल्पिक विषयों की सूची

No.-6. एक उम्मीदवार को नीचे दिए गए विषयों में से केवल एक वैकल्पिक विषय रखने की अनुमति है:

कृषि विज्ञान

No.-1. पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विज्ञान

No.-2. नृविज्ञान

No.-3. वनस्पति विज्ञान

No.-4. रसायन विज्ञान

No.-5. सिविल इंजीनियरी

No.-6. वाणिज्य शास्त्र तथा लेखा विधि

No.-7. अर्थशास्त्र

No.-8. विद्युत इंजीनियरी

No.-9. भूगोल

No.-10. भू-विज्ञान

No.-11. इतिहास

No.-12. विधि

No.-13. प्रबंधन

No.-14. गणित

No.-15. यांत्रिक इंजीनियरी

No.-16. चिकित्सा विज्ञान

No.-17. दर्शन शास्त्र

No.-18. भौतिकी

No.-19. राजनीति विज्ञान तथा अन्तर्राष्ट्रीय संबंध

No.-20. मनोविज्ञान

No.-21. लोक प्रशासन

No.-22. समाज शास्त्र

No.-23. सांख्यिकी

No.-24. प्राणि विज्ञान

No.-25. अंग्रेजी साहित्य

No.-26. उर्दू साहित्य

No.-27. संस्कृत साहित्य

No.-28. हिंदी साहित्य

UPPSC PCS Interview Pattern

No.-1. UPPSC PCS परीक्षा के अंतिम चरण यानी साक्षात्कार खंड का 100 अंकों का वेटेज है।

No.-2. उम्मीदवार का साक्षात्कार एक बोर्ड द्वारा होगा जिसके सामने उम्मीदवार के परिचयवृत का अभिलेख होगा।

No.-3. यह साक्षात्कार इस उद्देश्य से होगा कि सक्षम और निष्पक्ष प्रेक्षकों का बोर्ड यह जान सके कि उम्मीदवार लोक सेवा के लिए व्यक्तित्व की दृष्टि से उपयुक्त है या नहीं।

No.-4. यह परीक्षा उम्मीदवार की मानसिक सतर्कता, आलोचनात्मक ग्रहण शक्ति, स्पष्ट और तर्क संगत प्रतिपादन की शक्ति, संतुलित निर्णय की शक्ति, रुचि की विविधता और गहराई नेतृत्व और सामाजिक संगठन की योग्यता, बौद्धिक और नैतिक ईमानदारी को जांचने के अभिप्रायः से की जाती है।

UPPSC PCS Detailed Syllabus

No.-1. इस खंड में, उम्मीदवार UPPSC PCS (प्रीलिम्स एंड मेन्स) लिखित परीक्षा के लिए विस्तृत पाठ्यक्रम की जांच कर सकते हैं।

No.-2. जैसा कि हमने पहले बताया है UPPSC PCS परीक्षा में प्रमुख रूप से तीन चरण शामिल हैं: (i) प्रारंभिक परीक्षा, (ii) मुख्य परीक्षा, (iii) साक्षात्कार।

No.-3. हम उम्मीदवारों को UPPSC PCS (Prelims & Mains) परीक्षा में उल्लिखित केवल इन पांच विषयों पर ध्यान केंद्रित करने और जितना हो सके अभ्यास करने का सुझाव देते हैं, जैसा कि परीक्षा में पूछे गए सभी प्रश्न UPPSC PCS के आधिकारिक पाठ्यक्रम में दिए गए विषयों पर ही आधारित होते हैं।

No.-4. आप लेख के इस खंड में विस्तृत UPPSC Prelims & Mains Syllabus की जांच कर सकते हैं और दिए गए लिंक से पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं।

UPPSC PCS Prelims Exam Syllabus

No.-1. राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय महत्व की सामयिक घटनायें

No.-1.  भारत का इतिहास एवं भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन

No.-2.  भारत एवं विश्व का भूगोल- भारत एवं विश्व का भौतिक, सामाजिक एवं आर्थिक भूगोल

No.-3. भारतीय राजनीति एवं शासन- संविधान, राजनीतिक व्यवस्था, पंचायती राज, लोकनीति, अधिकारिक मुद्दे (राइट्स इश्यूज) आदि

No.-4.  आर्थिक एवं सामाजिक विकास सतत विकास, गरीबी, अन्तर्विष्ट जनसांख्यिकीय, सामाजिक क्षेत्र के इनिशियेटिव आदि परिवर्तन इस विषय में

No.-5. पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी सम्बन्धी सामान्य विषय, जैव विविधता एवं जलवायु विषय विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं है

 सामान्य विज्ञान

No.-1.  राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय महत्व की सामयिक घटनायें: राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय महत्व की समसामयिक घटनाओं पर अभ्यर्थियों को जानकारी रखनी होगी।

No.-2.  भारत का इतिहास एवं भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलनः इतिहास के अन्तर्गत भारतीय इतिहास के सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक पक्षों की व्यापक जानकारी पर विशेष ध्यान देना होगा। भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन पर अभ्यर्थियों से स्वतंत्रता आन्दोलन की प्रकृति तथा विशेषता, राष्ट्रवाद का अभ्युदय तथा स्वतंत्रता प्राप्ति के बारे में सामान्य जानकारी अपेक्षित है।

No.-3. भारत एवं विश्व का भूगोलः भारत एवं विश्व का भौतिक, सामाजिक एवं आर्थिक भूगोलः विश्व भूगोल में – विषय की केवल सामान्य जानकारी की परख होगी। भारत का भूगोल के अन्तर्गत देश के भौतिक, सामाजिक एवं आर्थिक भूगोल से सम्बन्धित प्रश्न होंगे।

No.-4. भारतीय राजनीति एवं शासन- संविधान, राजनीतिक व्यवस्था, पंचायती राज, लोकनीति, आधिकारिक प्रकरण आदि: भारतीय राज्य व्यवस्था, अर्थव्यवस्था एवं संस्कृति के अन्तर्गत देश के पंचायती राज तथा सामुदायिक विकास सहित राजनीतिक प्रणाली के ज्ञान तथा भारत की आर्थिक नीति के व्यापक लक्षणों एवं भारतीय संस्कृति की जानकारी पर प्रश्न होंगे।

No.-5.  आर्थिक एवं सामाजिक विकास सतत विकास, गरीबी अन्तर्विष्ट जनसांख्यिकीय, सामाजिक क्षेत्र के इनिशियेटिव आदि: अभ्यर्थियों की जानकारी का परीक्षण जनसंख्या, पर्यावरण तथा नगरीकरण की समस्याओं तथा उनके सम्बन्धों के परिप्रेक्ष्य में किया जायेगा।

No.-6.  पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी सम्बन्धी सामान्य विषय जैव विविधता एवं जलवायु परिवर्तनः इस विषय में विषय विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं है। अभ्यर्थियों से विषय की सामान्य जानकारी अपेक्षित है।

No.-7.  सामान्य विज्ञान: सामान्य विज्ञान के प्रश्न दैनिक अनुभव तथा प्रेक्षण से सम्बन्धित विषयों सहित विज्ञान के सामान्य परिबोध एवं जानकारी पर आधारित होंगे, जिसकी किसी भी सुशिक्षित व्यक्ति से अपेक्षा की जा सकती है, जिसने वैज्ञानिक विषयों का विशेष अध्ययन नहीं किया है।

No.-8. #नोट: अभ्यर्थियों से यह अपेक्षित होगा कि उत्तर प्रदेश के विशेष परिप्रेक्ष्य में उपर्युक्त विषयों का उन्हें सामान्य परिचय हो ।

  कॉम्प्रिहेंशन

No.-1. अन्तर्वैयक्तिक क्षमता जिसमें सम्प्रेषण कौशल भी समाहित होगा।

No.-2.  तार्किक एवं विश्लेषणात्मक योग्यता

No.-3. निर्णय क्षमता एवं समस्या समाधान।

No.-4.  सामान्य बौद्धिक योग्यता ।

No.-5.  प्रारम्भिक गणित हाईस्कूल स्तर तक अंकगणित, बीजगणित, रेखागणित व सांख्यिकी ।

No.-6. सामान्य अंग्रेजी हाईस्कूल स्तर तक। सामान्य हिन्दी हाईस्कूल स्तर तक

No.-7. प्रारम्भिक गणित (हाईस्कूल स्तर तक) के पाठ्यक्रम में सम्मिलित किये जाने वाले विषय

  1. अंकगणितः

No.- 1. संख्या पद्धतिः प्राकृतिक, पूर्णांक, परिमेय- अपरिमेय एवं वास्तविक संख्यायें, पूर्णांक संख्याओं के विभाजक एवं अविभाज्य पूर्णांक संख्यायें पूर्णांक संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त्य एवं महत्तम समापवर्त्य तथा उनमें सम्बन्ध ।

No.-2. औसत

No.-3. अनुपात एवं समानुपात

No.-4.  प्रतिशत

No.-5. लाभ-हानि

No.-6.  ब्याज- साधारण एवं चक्रवृद्धि

No.-7. काम तथा समय

No.-8. चाल, समय तथा दूरी

  1. बीजगणित

No.-1.  बहुपद के गुणनखण्ड, बहुपदों का लघुत्तम समापवर्त्य एवं महत्तम समापवर्त्य एवं उनमें सम्बन्ध, शेषफल प्रमेय, सरल युगपत समीकरण, द्विघात समीकरण

No.-2.  समुच्चय सिद्धान्तः समुच्चय, उप समुच्चय, उचित उपसमुच्चय, रिक्त समुच्चय समुच्चयों के बीच संक्रियायें (संघ, प्रतिछेद, अन्तर समिमित अन्तर), बेन-आरेख

  1. रेखागणितः

No.-1. त्रिभुज, आयत, वर्ग, समलम्ब चतुर्भुज एवं वृत्त की रचना एवं उनके गुण सम्बन्धी प्रमेय तथा परिमाप एवं उनके क्षेत्रफल,

No.-2.  गोला, समकोणीय वृत्ताकार बेलन, समकोणीय वृत्ताकार शंकु तथा धन के आयतन एवं पृष्ठ क्षेत्रफल ।

  1. सांख्यिकीः

No.-1. आंकड़ों का संग्रह आंकड़ों का वर्गीकरण, बारम्बारता बारम्बारता बंटन, सारणीयन, संचयी बारम्बारता आंकड़ों का निरूपण, दण्डचार्ट, पाई चार्ट, आयत चित्र, बारम्बारता बहुभुज, संचयी बारम्बारता वक्र, केन्द्रीय प्रवृत्ति की माप- समान्तर माध्य, माध्यिका एवं बहुलक

No.-1. Comprehension

No.-2. Active Voice and Passive Voice

No.-3. Parts of Speech

No.-4. Transformation of Sentences

No.-5. Direct and Indirect Speech

No.-6. Punctuation and Spellings

No.-7. Words meanings

No.-8. Vocabulary & Usage

No.-9. Idioms and Phrases

No.-10. Fill in the Blanks

सामान्य हिन्दी (हाईस्कूल स्तर तक)

No.- 1. हिन्दी वर्णमाला विराम चिन्ह

No.-2.  शब्द रचना, वाक्य रचना अर्थ

No.-3. शब्द रूप

No.-4.  संधि, समास

No.-5.  क्रियायें

No.-6.  अनेकार्थी शब्द

No.-7.  विलोम शब्द

No.-8.  पर्यायवाची शब्द

No.-9.  मुहावरे एवं लोकोक्तियां

No.-10. तत्सम एवं तद्भव, देशज, विदेशी (शब्द भंडार)

No.-11.  वर्तनी

No.-12. अर्थबोध

No.-13. हिन्दी भाषा के प्रयोग में होने वाली अशुद्धियाँ

No.-14. उ0प्र0 की मुख्य बोलियाँ

UPPSC PCS Mains Exam Syllabus

No.-1. सामान्य हिन्दी

No.-2. दिये हुए गद्य खण्ड का अवबोध एवं प्रश्नोत्तर।

No.-3. संक्षेपण।

No.-4. सरकारी एवं अर्धसरकारी पत्र लेखन, तार लेखन, कार्यालय आदेश, अधिसूचना, परिपत्र

No.-5. शब्द ज्ञान एवं प्रयोग

No.-6. उपसर्ग एवं प्रत्यय प्रयोग,

No.-7. विलोम शब्द,

No.-8. वाक्यांश के लिए एक शब्द

No.-9. वर्तनी एवं वाक्य शुद्धि

No.-10. लोकोक्ति एवं मुहावरे ।

No.-11. निबन्ध

No.-12. निबन्ध हिन्दी, अंग्रेजी अथवा उर्दू में लिखे जा सकते हैं। निबन्ध के प्रश्न पत्र में 3 खण्ड होंगे। प्रत्येक खण्ड से एक-एक विषय पर 700 (सात सौ) शब्दों में निबन्ध लिखना होगा।

No.-13. प्रत्येक खण्ड 50-50 अंकों का होगा। तीनों खण्डों में निम्नलिखित विषयों पर आधारित निबन्ध के प्रश्न होंगे।

खण्ड ()

  1. साहित्य और संस्कृति
  2. सामाजिक क्षेत्र
  3. राजनैतिक क्षेत्र

खण्ड ()

  1. विज्ञान पर्यावरण और प्रौद्योगिकी
  2. आर्थिक क्षेत्र
  3. कृषि उद्योग एवं व्यापार

खण्ड ()

  1. राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम
  2. प्राकृतिक आपदाएं भू-स्खलन भूकम्प, बाढ़, सूखा, आदि
  3. राष्ट्रीय विकास योजनाएं एवं परियोजनाएं

 

सामान्य अध्ययन-I

No.-1. भारतीय संस्कृति के इतिहास में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला प्रारूप, साहित्य एवं वास्तुकला के महत्वपूर्ण पहलू शामिल होंगे।

No.-2. आधुनिक भारतीय इतिहास (1757 ई0 से 1947 ई0 तक) महत्वपूर्ण घटनाएं, व्यक्तित्व एवं समस्याए इत्यादि।

No.-3. स्वतंत्रता संग्राम- इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले महत्वपूर्ण व्यक्ति / उनका योगदान।

No.-4. स्वतंत्रता के पश्चात् देश के अंदर एकीकरण और पुनर्गठन (1965 ई0 तक)।

No.-5. विश्व के इतिहास में 18 वीं सदी से बीसवीं सदी के मध्य तक की घटनाएं जैसे फ्रांसीसी क्रान्ति 1789, औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध राष्ट्रीय सीमाओं का पुन सीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन शास्त्र जैसे साम्यवाद, पूँजीवाद, समाजवाद, नाजीवाद, फासीवाद इत्यादि के रूप और समाज पर उनके प्रभाव इत्यादि शामिल होंगे।

No.-6. भारतीय समाज और संस्कृति की मुख्य विशेषताए।

No.-7. महिलाओं की समाज और महिला संगठनों में भूमिका, जनसंख्या तथा सम्बद्ध समस्याएं, गरीबी और विकासात्मक विषय, शहरीकरण उनकी समस्याएं और उनके रक्षोपाय

No.-8. उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण का अभिप्राय और उनका भारतीय समाज के अर्थ व्यवस्था, राज्यव्यवस्था और समाज संरचना पर प्रभाव।

No.-9. सामाजिक सशक्तीकरण, साम्प्रदायिकता, क्षेत्रवाद और धर्मनिरपेक्षता ।

No.-10. विश्व के प्रमुख प्राकृतिक संसाधनों का वितरण- जल, मिट्टियाँ एवं वन दक्षिण एवं दक्षिण पूर्व एशिया में (भारत के विशेष संदर्भ में)।

No.-11. भौतिक भूगोल की प्रमुख विशिष्टताएं- भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी क्रियाएँ, चक्रवात, समुद्री जल धाराएं, पवन एवं हिम सरिताएं।

No.-12. भारत के सामुद्रिक संसाधन एवं उनकी संभाव्यता

No.-13. मानव प्रवास विश्व की शरणार्थी समस्या- भारत- उपमहाद्वीप के संदर्भ में

No.-14. सीमान्त तथा सीमाए- भारत उपमहाद्वीप के संदर्भ में

No.-15 जनसंख्या एवं अधिवास प्रकार एवं प्रतिरूप, नगरीकरण, स्मार्ट नगर एवं स्मार्ट ग्राम।

No.-16. उत्तर प्रदेश का विशेष ज्ञान-इतिहास, संस्कृति, कला, साहित्य, वास्तुकला, त्योहार, लोक नृत्य साहित्य, प्रादेशिक भाषाएं, धरोहरें, सामाजिक रीति-रिवाज एवं पर्यटन

No.-17. उ0प्र0 का विशेष ज्ञान- भूगोल- मानव एवं प्राकृतिक संसाधन, जलवायु मिट्टियाँ, वन वन्य-जीव, खदान और खनिज, सिंचाई के स्रोत

सामान्य अध्ययन-II

No.-1. भारतीय संविधान ऐतिहासिक आधार विकास, विशेषताएं, संशोधन, महत्वपूर्ण प्रावधान तथा आधारभूत संरचना संविधान के आधारभूत प्रावधानों के विकास में उच्चतम न्यायालय की भूमिका

No.-2 संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढांचे से संबंधित विषय एवं चुनौतिया, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियां

No.-3. केन्द्र-राज्य वित्तीय सम्बन्धों में वित्त आयोग की भूमिका

No.-4. शक्तियों का पृथक्करण, विवाद निवारण तंत्र तथा संस्थाएं वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्रों का उदय एवं उनका प्रयोग

No.-5. भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य प्रमुख लोकतांत्रिक देशों के साथ तुलना

No.-6. संसद और राज्य विधायिका संरचना कार्य कार्य संचालन, शक्तियों एवं विशेषाधिकार तथा संबंधित विषय

No.-7. कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्य सरकार के मंत्रालय एवं विभाग, प्रभावक समूह और औपचारिक / अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में उनकी भूमिका। जनहित वाद (पी0आई0एल०)।

No.-8. जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएं।

No.-9. विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति, शक्तियों कार्य तथा उनके उत्तरदायित्व

No.-10 सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय, नीति आयोग समेत उनकी विशेषताएं एव कार्यभाग

No.-11. सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप, उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय एवं सूचना संचार प्रौद्योगिकी (आई०सी०टी०)।

No.-12. विकास प्रक्रियाएं गैर सरकारी संगठनों की भूमिका, स्वयं सहायता समूह विभिन्न समूह एवं संघ, अभिदाता, सहायतार्थ संस्थाएं संस्थागत एवं अन्य अशधारक।

No.-13, केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं और इन योजनाओं का कार्य निष्पादन इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिए गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय

No.-14. स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र / सेवाओं के विकास एवं

No.-15. गरीबी और भूख से संबंधित विषय एवं राजनैतिक व्यवस्था के लिए इनका निहितार्थ प्रबंधन से संबंधित विषय।

No.-16. शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेस अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताए, सीमाएं और संभावनाएं नागरिक चार्टर, पारदर्शिता एवं जवाबदेही और संस्थागत व अन्य उपाय।

No.-17. लोकतंत्र में उभरती हुई प्रवृत्तियों के संदर्भ में सिविल सेवाओं की भूमिका

No.-18. भारत एवं अपने पड़ोसी देशों से उसके संबंध।

No.-19. द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और / अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।

No.-20. भारत के हितों एवं अप्रवासी भारतीयों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव

No.-21. महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएं और मंच- उनकी संरचना अधिदेश तथा उनका कार्य भाग |

No.-22. उ०प्र० के राजनैतिक, प्रशासनिक, राजस्व एवं न्यायिक व्यवस्थाओं की विशिष्ट जानकारी।

No.-23. क्षेत्रीय प्रान्तीय राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय महत्व के समसामयिक घटनाक्रम

सामान्य अध्ययन– III

No.-1. भारत में आर्थिक नियोजन, उद्देश्य एवं उपलब्धियों, नीति (एन०आई०टी०आई०) आयोग की भूमिका

No.-2. गरीबी के मुद्दे, बेरोजगारी, सामाजिक न्याय एवं समावेशी संवृद्धि।

No.-3. सरकार के बजट के अवयव तथा वित्तीय प्रणाली।

No.-4. प्रमुख फसलें, विभिन्न प्रकार की सिंचाई विधि एवं सिंचाई प्रणाली, कृषि उत्पाद का भंडारण, ढुलाई एवं विपणन, किसानों की सहायता हेतु ई-तकनीकी

No.-5. अप्रत्यक्ष एवं प्रत्यक्ष कृषि सहायकी तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से जुड़े मुद्दे, सार्वजनिक वितरण प्रणाली – उद्देश्य क्रियान्वयन, परिसीमाएं, सुदृढीकरण खाद्य सुरक्षा एवं बफर भण्डार, कृषि सम्बन्धित तकनीकी अभियान टेक्नालाजी मिशन

No.-6. भारत में खाद्य प्रसंस्करण व संबंधित उद्योग कार्यक्षेत्र एवं महत्व, स्थान निर्धारण, उर्ध्व व अधोप्रवाह आवश्यकताएं, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन।

No.-7. भारत में स्वतंत्रता के पश्चात् भूमि सुधार।

No.-8. भारत में वैश्वीकरण तथा उदारीकरण के प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा इनके औद्योगिक संवृद्धि पर प्रभाव।

No.-9. आधारभूत संरचनाः ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन तथा रेलवे आदि ।

No.-10. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विकास एवं अनुप्रयोग (दैनिक जीवन एवं राष्ट्रीय सुरक्षा में भारत की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नीति)।

No.-11. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां प्रौद्योगिकी का देशजीकरण नवीन प्रौद्योगिकियों का विकास, प्रौद्योगिकी का हस्तान्तरण, द्विअनुप्रयोगी एवं क्रान्तिक अनुप्रयोग प्रौद्योगिकियाँ ।

No.-12. सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, कंम्प्यूटर, ऊर्जा स्त्रोतों, नैनो प्रौद्योगिकी, सूक्ष्म जीव विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में जागरूकता बौद्धिक सम्पदा अधिकारों एवं डिजिटल अधिकारों से सम्बन्धित मुद्दे ।

No.-13. पर्यावरणीय सुरक्षा एवं पारिस्थितिकी तंत्र, वन्य जीवन संरक्षण, जैव विविधता, पर्यावरणीय प्रदूषण एवं क्षरण, पर्यावरणीय संघात आंकलन

No.-14. आपदाः गैर-पारम्परिक सुरक्षा एवं संरक्षा की चुनौती के रूप में, आपदा उपशमन एवं प्रबन्धन ।

No.-15. अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियाः आणुविक प्रसार के मुद्दे, अतिवाद के कारण तथा प्रसार, संचार तन्त्र, मीडिया की भूमिका तथा सामाजिक तन्त्रीयता, साइबर सुरक्षा के आधार मनी लाउन्डरिंग तथा मानव तस्करी ।

No.-16. भारत की आन्तरिक सुरक्षा की चुनौतियां आतंकवाद, भ्रष्टाचार, प्रतिविद्रोह तथा संगठित अपराध।

No.-17. सुरक्षा बलों की भूमिका, प्रकार तथा शासनाधिकार, भारत का उच्च रक्षा संगठन |

No.-18. उत्तर प्रदेश के आर्थिक परिदृष्य का विशिष्ट ज्ञान:- उत्तर प्रदेश की अर्थ व्यवस्था का सामान्य विवरण, राज्य के बजट कृषि, उद्योग, आधारभूत संरचना एवं भौतिक संसाधनों का महत्व मानव संसाधन विकास, सरकार के कार्यक्रम एवं कल्याणकारी योजनाएं ।

No.-19. कृषि, बागवानी, वानिकी एवं पशुपालन के मुद्दे ।

No.-20. उत्तर प्रदेश के विशेष संदर्भ में कानून एवं व्यवस्था और नागरिक सुरक्षा

सामान्य अध्ययन– IV

No.-1) नीतिशास्त्र तथा मानवीय अन्तः सम्बन्ध, मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सारतत्व, इसके निर्धारक और परिणाम नीतिशास्त्र के आयाम, निजी और सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र मानवीय मूल्य-महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन तथा उनके उपदेशों से शिक्षा, मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका ।

No.-2) अभिवृत्तिः अंर्तवस्तु (कंटेन्ट), संरचना, कार्य, विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं संबंध, नैतिक और राजनीतिक अभिरूचि, सामाजिक प्रभाव और सहमति पैदा करना।

No.-3) सिविल सेवा के लिए अभिरूचि तथा बुनियादी मूल्य, सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता तथा गैर- तरफदारी, वस्तुनिष्ठता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव, कमजोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता तथा करूणा

No.-4) संवेगात्मक बुद्धिः अवधारणाएं तथा आयाम, प्रशासन और शासन व्यवस्था में उनकी उपयोगिता और प्रयोग ।

No.-5) भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों का योगदान

No.-6) लोक प्रशासनों में लोक / सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्र: स्थिति तथा समस्याएं, सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक सरोकार तथा दुविधाएं, नैतिक मार्गदर्शन के स्त्रोतों के रूप में विधि, नियम, नियमन तथा अंतर्रात्मा, जवाबदेही तथा नैतिक शासन व्यवस्था में नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिंग) में नैतिक मुद्दे, कारपोरेट शासन व्यवस्था ।

No.-7) शासन व्यवस्था में ईमानदारी: लोक सेवा की अवधारणा, शासन व्यवस्था और ईमानदारी का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता, सूचना का अधिकार, नीतिपरक आचार संहिता, आचरण संहिता, नागरिक घोषणा पत्र कार्य संस्कृति सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता, लोक निधि का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियां |

No.-8) उपर्युक्त विषयों पर मामला संबंधी अध्ययन (केस स्टडी) ।

UPPSC PCS Mains Optional Syllabus

No.-1. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में मुख्य परीक्षा के दौरान सभी शिक्षार्थियों को एक ऑप्शनल या वैकल्पिक (Optional) विषय का भी चुनाव करना होता है। अधिकांश छात्र अपनी स्नातक या स्नातकोत्तर डिग्री के आधार पर वैकल्पिक विषय का चयन करते हैं।

No.-2. इस विषय को चुनते समय आपको उस विषय को प्राथमिकता देनी चाहिए जिसके बारे में आप सबसे ज्यादा जानते हैं या जिस विषय में आपकी रुचि है।

No.-3. हमने यूपीपीएससी मुख्य परीक्षा में चुनाव के रूप में उपलब्ध सभी ऑप्शनल विषयों की सूची उपलब्ध करायी है व साथ ही हर एक विषय का सिलेबस सरल हिंदी भाषा में भी उपलब्ध कराया है।

No.-4. नीचे दिए गया सम्पूर्ण UPPSC Mains Optional Subject Syllabus ऑफिसियल विज्ञापन से लिया गया है। इसमें त्रुटि की संभावना न के बराबर है, आप इसका प्रिंट आउट भी ले सकते हैं और बाद में इसका अध्ययन कर सकते हैं और अपनी तैयारी की रणनीति को मजबूत कर सकते हैं।

UPPSC PCS Frequently Asked Questions

No.-1. UPPSC में कितने विषय होते हैं?

यूपीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) में दो पेपर (i) सामान्य अध्ययन (ii) पेपर- II तथा मुख्य परीक्षा (Mains) में कुल 8 पेपर होते हैं. जिसमें से 1 भाषा का पेपर होता है, 1 निबंध का, 4 सामान्य अध्ययन का तथा 2 ऑप्शनल सब्जेक्ट का होता है.

No.-2. UPPSC में कितने वैकल्पिक विषय होते हैं?

UPPSC सिविल सर्विस एग्जाम में कुल 29 वैकल्पिक विषय होते हैं. उम्मीदवार को दिए गए विषयों में से केवल एक वैकल्पिक विषय रखने की अनुमति होती है

No.-3. UPPSC का इंटरव्यू कितने अंक का होता है?

UPPSC PCS परीक्षा के अंतिम चरण यानी साक्षात्कार खंड का 100 अंकों का वेटेज है।

No.-4. UPPSC सीसैट पेपर क्या है?

सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में दो प्रश्न पत्र होते हैं, पेपर II को सीसैट के नाम से जाना जाता है। इसका फुल फॉर्म Civil Services Aptitude Test होता है।

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