प्रिय उम्मीदवारों इस लेख में हमने UPSC CSE प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा का विस्तृत पाठ्यक्रम अपडेटेड परीक्षा पैटर्न के साथ प्रदान किया है। यदि आप भी यूपीएससी की आगामी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं और अभी तक आपको UPSC IAS पाठ्यक्रम की पूरी जानकारी नहीं है, तो हमारा सुझाव है कि आप इस लेख को पूरा पढ़ें।
No.-1. दोस्तों, आप जानते हैं कि आजकल प्रतियोगी परीक्षाएँ कठिन होती जा रही हैं, और UPSC CSE जैसी परीक्षा को पास करना कोई आसान काम नहीं है। लेकिन अगर आप सही दिशा में कड़ी मेहनत करते हैं तो आप इस परीक्षा को पास कर सकते हैं।
No.-2. अभ्यर्थियों, किसी भी परीक्षा में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए हमारा पहला कदम होना चाहिए की हम परीक्षा के पैटर्न को अच्छी तरह से समझे, परीक्षा के पाठ्यक्रम को अच्छी तरह से जाने, और फिर एक संगठित अध्ययन योजना के साथ उसका पालन करना है।
No.-3. इसीलिए यहां हमने आपके आसान संदर्भ के लिए इस पृष्ठ पर UPSC CSE प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा का विस्तृत पाठ्यक्रम अपडेटेड परीक्षा पैटर्न के साथ साझा किया है।
No.-4. आप यहां से UPSC CSE (प्रीलिम्स एंड मेन्स) परीक्षा पाठ्यक्रम पीडीएफ भी डाउनलोड कर सकते हैं और UPSC IAS 2022 लिखित परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए अपनी तैयारी की रणनीति को और मजबूत कर सकते हैं।
No.-5. प्रिय उम्मीदवारों यह पोस्ट थोड़ी लंबी होने वाली है क्योंकि हम आपको UPSC CSE परीक्षा के सभी अनुभागों का विस्तृत पाठ्यक्रम प्रदान कर रहे हैं, लेकिन आप अपनी रुचि के अनुभाग में जा सकते हैं।
No.-6. आपके आसान संदर्भ के लिए, हम इस पोस्ट में महत्वपूर्ण सामग्री की तालिका प्रदान कर रहे हैं।
UPSC CSE Selection Process
No.-1. UPSC CSE परीक्षा के सभी चरणों की गहन समझ UPSC सिविल सेवा परीक्षा को पास करने की राह पर एक अत्यंत महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
No.-2. सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) भारत में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा विभिन्न नामित पदों जैसे आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा), आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) |
No.-3. आईएफएस (भारतीय विदेश सेवा) , आईआरएस (भारतीय राजस्व सेवा) और संबद्ध सेवाएं की भर्ती के लिए आयोजित एक राष्ट्रव्यापी परीक्षा है। इस परीक्षा को भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है।
UPSC CSE परीक्षा में तीन प्रमुख चरण शामिल हैं:
No.-1. प्रारंभिक परीक्षा [वस्तुनिष्ठ प्रकार और बहुविकल्पी]
No.-2. मुख्य परीक्षा [पारंपरिक प्रकार, लिखित परीक्षा]
No.-3. साक्षात्कार [व्यक्तित्व परीक्षण]
UPSC CSE Exam Pattern
No.-1. सबसे पहले, आपको यूपीएससी सीएसई परीक्षा के पैटर्न और अंकन योजना के बारे में पता होना चाहिए जैसा कि पहले कहा गया है कि यूपीएससी सीएसई परीक्षा तीन चरणों में आयोजित की जाती है, अर्थात् प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और व्यक्तिगत साक्षात्कार।
No.-2. अब, आइए एक-एक कर के देखें कि प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू का परीक्षा पैटर्न क्रमशः क्या है।
UPSC CSE Prelims Exam Pattern
No.-1. प्रारंभिक परीक्षा तीन चरणों की चयन प्रक्रिया का पहला दौर है। यूपीएससी द्वारा प्रारंभिक परीक्षा मुख्य परीक्षा के लिए सीमित उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए आयोजित की जाती है। इस चरण में अर्हता प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को ही अगले चरण (मुख्य परीक्षा) के लिए शॉर्टलिस्ट किया जाएगा।
No.-2. UPSC CSE की प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य अध्ययन के दो अनिवार्य पेपर होते हैं, (i) सामान्य अध्ययन पेपर- I और (ii) सामान्य अध्ययन पेपर- II जिसे CSAT (सिविल सेवा एप्टीटुड टेस्ट) भी कहा जाता है।
No.-3. नोट: CSAT एक क्वालिफाइंग पेपर है जिसमें न्यूनतम अर्हक अंक 33% निर्धारित हैं। मुख्य परीक्षा के लिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए CSAT में प्राप्त अंकों की गणना नहीं की जाती है।
Paper | Ques. | Marks | Duration |
सामान्य अध्ययन -I | 100 | 200 | 120 min |
CSAT | 80 | 200 | 120 min |
No.-1. प्रीलिम्स के दोनों पेपर 200 अंको के वस्तुनिष्ठ प्रकार के होंगे।
No.-2. प्रत्येक पेपर दो घंटे (120 मिनट) की अवधि का होता है।
No.-3. पेपर – I (सामान्य अध्ययन) में, प्रत्येक प्रश्न 2 अंक का होता है।
No.-4. पेपर- II (एप्टीट्यूड टेस्ट) में, प्रत्येक प्रश्न 2.5 अंक का होता है।
No.-5. दोनों पेपर में चिह्नित किए गए प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1/3 अंक की नकारात्मक अंकन है।
No.-6. सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा का पेपर- II एक अर्हक पेपर होगा जिसमें न्यूनतम योग्यता अंक 33% निर्धारित हैं।
No.-7. मूल्यांकन के उद्देश्य से उम्मीदवारों को प्रारंभिक परीक्षा के दोनों पेपरों में उपस्थित होना अनिवार्य है। इसलिए एक उम्मीदवार को अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा यदि वह दोनों पेपरों में उपस्थित नहीं होता है।
No.-8. #नोट: प्रारंभिक परीक्षा मुख्य परीक्षा के लिए सीमित उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए आयोजित की जाती है। प्रारंभिक परीक्षा में प्राप्त अंकों को अंतिम परिणाम (मेरिट सूची) में शामिल नहीं किया जाएगा।
UPSC CSE Mains Exam Pattern
No.-1. मेन्स परीक्षा सिविल सेवा परीक्षा के दूसरे चरण का गठन करती है। प्रारंभिक परीक्षा में सफलतापूर्वक उत्तीर्ण होने के बाद ही उम्मीदवारों को आईएएस मेन्स लिखने की अनुमति दी जाएगी।
No.-2. यूपीएससी मेन्स परीक्षा में 9 पेपर होते हैं, जिनमें से भाषा के दो क्वालिफाइंग पेपर होते हैं।
No.-3. दो क्वालीफाइंग पेपर हैं: (i)कोई भी भारतीय भाषा का पेपर, (ii)अंग्रेजी भाषा का पेपर। क्वालीफाइंग पेपर में कम से कम 25% अंक प्राप्त करना जरूरी होता है, यानी 75 अंक प्रत्येक।
No.-4. आइये अब हम विस्तृत UPSC CSE Mains परीक्षा पैटर्न पर एक नज़र डालते हैं।
S No | Subject | Marks | Duration |
Paper A (Qualify) | कोई भी मान्य भारतीय भाषा | 300 | 3 घण्टे |
Paper B (Qualify) | अंग्रेजी भाषा | 300 | 3 घण्टे |
Paper 1 | निबन्ध | 250 | 3 घण्टे |
Paper 2 | सामान्य अध्ययन I | 250 | 3 घण्टे |
Paper 3 | सामान्य अध्ययन II | 250 | 3 घण्टे |
Paper 4 | सामान्य अध्ययन III | 250 | 3 घण्टे |
Paper 5 | सामान्य अध्ययन IV | 250 | 3 घण्टे |
Paper 6 | वैकल्पिक विषय I | 250 | 3 घण्टे |
Paper 7 | वैकल्पिक विषय II | 250 | 3 घण्टे |
#नोट: महत्वपूर्ण बिंदु
No.-1. मुख्य परीक्षा में दो क्वालीफाइंग पेपर होते हैं, “पेपर ए” और “पेपर बी” प्रत्येक 300 अंकों के होते हैं। उम्मीदवारों को दोनों क्वालीफाइंग पेपरों में 25% यानी 75 अंक प्रत्येक में प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।
No.-2. अन्य सभी सात पेपर स्कोरिंग प्रकृति के हैं, उनके अंक अंतिम मेरिट सूची में शामिल किए जाएंगे।
No.-3. उम्मीदवारों को पेपर VI और पेपर VII के लिए वैकल्पिक विषय के रूप में नीचे दी गई तालिका में से किसी एक विषय का चयन करना होता है।
No.-4. UPSC CSE Mains वैकल्पिक विषयों की सूची
No.-5. एक उम्मीदवार को नीचे दिए गए विषयों में से केवल एक वैकल्पिक विषय रखने की अनुमति है:
No.-1. कृषि विज्ञान
No.-2. पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विज्ञान
No.-3. नृविज्ञान
No.-4. वनस्पति विज्ञान
No.-5. रसायन विज्ञान
No.-6. सिविल इंजीनियरी
No.-7. वाणिज्य शास्त्र तथा लेखा विधि
No.-8. अर्थशास्त्र
No.-9. विद्युत इंजीनियरी
No.-10. भूगोल
No.-11. भू-विज्ञान
No.-12. इतिहास
No.-13. विधि
No.-14. प्रबंधन
No.-15. गणित
No.-16. यांत्रिक इंजीनियरी
No.-17. चिकित्सा विज्ञान
No.-18. दर्शन शास्त्र
No.-19. भौतिकी
No.-20. राजनीति विज्ञान तथा अन्तर्राष्ट्रीय संबंध
No.-21. मनोविज्ञान
No.-22. लोक प्रशासन
No.-23. समाज शास्त्र
No.-24. सांख्यिकी
No.-25. प्राणि विज्ञान
निम्नलिखित भाषाओं में से किसी एक भाषा का साहित्य:
No.-1. असमिया, बंगाली, बोडो, डोगरी, गुजराती, हिन्दी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उडिया, पंजाबी, संस्कृत, संथाली, सिंधी, तमिल, तेलुगू, उर्दू और अंग्रेजी
UPSC CSE Interview Pattern
No.-1. UPSC CSE परीक्षा के अंतिम चरण यानी साक्षात्कार खंड का 275 अंकों का वेटेज है।
No.-2. उम्मीदवार का साक्षात्कार एक बोर्ड द्वारा होगा जिसके सामने उम्मीदवार के परिचयवृत का अभिलेख होगा।
No.-3. यह साक्षात्कार इस उद्देश्य से होगा कि सक्षम और निष्पक्ष प्रेक्षकों का बोर्ड यह जान सके कि उम्मीदवार लोक सेवा के लिए व्यक्तित्व की दृष्टि से उपयुक्त है या नहीं।
No.-4. यह परीक्षा उम्मीदवार की मानसिक सतर्कता, आलोचनात्मक ग्रहण शक्ति, स्पष्ट और तर्क संगत प्रतिपादन की शक्ति, संतुलित निर्णय की शक्ति, रुचि की विविधता और गहराई नेतृत्व और सामाजिक संगठन की योग्यता, बौद्धिक और नैतिक ईमानदारी को जांचने के अभिप्रायः से की जाती है।
UPSC CSE IAS Detailed Syllabus
No.-1. इस खंड में, उम्मीदवार UPSC CSE (प्रीलिम्स एंड मेन्स) लिखित परीक्षा के लिए विस्तृत पाठ्यक्रम की जांच कर सकते हैं।
No.-2. जैसा कि हमने पहले बताया है UPSC CSE परीक्षा में प्रमुख रूप से तीन चरण शामिल हैं: (i) प्रारंभिक परीक्षा, (ii) मुख्य परीक्षा, (iii) साक्षात्कार।
No.-3. हम उम्मीदवारों को UPSC CSE (Prelims & Mains) परीक्षा में उल्लिखित केवल इन पांच विषयों पर ध्यान केंद्रित करने और जितना हो सके अभ्यास करने का सुझाव देते हैं, जैसा कि परीक्षा में पूछे गए सभी प्रश्न UPSC IAS के आधिकारिक पाठ्यक्रम में दिए गए विषयों पर ही आधारित होते हैं। आप लेख के इस खंड में विस्तृत UPSC IAS Prelims & Mains Syllabus की जांच कर सकते हैं और दिए गए लिंक से पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं।
UPSC IAS Prelims Exam Syllabus
UPSC Prelims Syllabus | Paper 1:- सामान्य अध्ययन
No.-1. राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की सामयिक घटनाएं।
No.-2. भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन।
No.-3. भारत एवं विश्व भूगोल – भारत एवं विश्व का प्राकृतिक, सामाजिक, आर्थिक भूगोल।
No.-4 भारतीय राज्यतन्त्र और शासन संविधान, राजनैतिक प्रणाली, पंचायती राज, लोक नीति, – अधिकारों संबंधी मुद्दे, आदि।
No.-5. आर्थिक और सामाजिक विकास सतत विकास, गरीबी, समावेशन, जनसांख्यिकी, – सामाजिक क्षेत्र में की गई पहल आदि।
No.-6. पर्यावरणीय पारिस्थितिकी जैव-विविधता और मौसम परिवर्तन संबंधी सामान्य मुद्दे, जिनके लिए विषयगत विशेषज्ञता आवश्यक नहीं है।
सामान्य विज्ञान
UPSC Prelims Syllabus | Paper 2:- CSAT
No.-1. बोधगम्यता
No.-2. संचार कौशल सहित अंतर वैयक्तिक कौशल
No.-3. तार्किक कौशल एवं विश्लेषणात्मक क्षमता
No.-4. निर्णय लेना और समस्या समाधान
No.-5. सामान्य मानसिक योग्यता
No.-6.आधारभूत संख्यनन (संख्याएं और उनके संबंध, विस्तार क्रम आदि) (दसवीं कक्षा का स्तर), आंकड़ों का निर्वचन (चार्ट, ग्राफ, तालिका, आंकड़ों की पर्याप्तता आदि दसवीं कक्षा का – स्तर)
No.-7. #नोट: सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा का पेपर-II, अर्हक पेपर होगा जिसके लिए न्यूनतम अर्हक अंक 33% निर्धारित किए गए हैं।
UPSC CSE Mains Exam Syllabus
UPSC Mains Syllabus | भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी पर अर्हक प्रश्न पत्र
No.-1. इस प्रश्न पत्र का उद्देश्य अंग्रेजी तथा संबंधित भारतीय भाषा में अपने विचारों को स्पष्ट तथा सही रूप में प्रकट करना तथा गंभीर तर्कपूर्ण गद्य को पढ़ने और समझने में उम्मीदवार की योग्यता की परीक्षा करना है। प्रश्न पत्रों का स्वरूप आमतौर पर निम्न प्रकार का होगा :
Paper A (Qualify) भारतीय भाषाएं :
No.-1. दिए गए गद्यांशों को समझना
No.-2. संक्षेपण
No.-3. शब्द प्रयोग तथा शब्द भंडार
No.-4. लघुनिबंध
No.-5. अंग्रेजी से भारतीय भाषा तथा भारतीय भाषा से अंग्रेजी में अनुवाद
Paper B (Qualify) अंग्रेजी भाषा:
No.-1. दिए गए गद्यांशों को समझना
No.-2. संक्षेपण
No.-3. शब्द प्रयोग तथा शब्द भंडार
No.-4. लघु निबंध
No.-5. #नोट: भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी के प्रश्न पत्र मैट्रिकुलेशन या समकक्ष स्तर के होंगे, जिनमें केवल अर्हता प्राप्त करनी है। इन प्रश्न पत्रों में प्राप्तांक योग्यता क्रम के निर्धारण में नहीं गिने जाएंगे।
No.-6. #नोट: अंग्रेजी तथा भारतीय भाषाओं के प्रश्न पत्रों के उत्तर उम्मीदवारों को अंग्रेजी तथा संबंधित भारतीय भाषा में देने होंगे। (अनुवाद को छोड़कर ) ।
UPSC Mains Syllabus | Paper 1: निबंध
No.-1. निबंध:- उम्मीदवार को विविध विषयों पर निबंध लिखना होगा। उनसे अपेक्षा की जाएगी कि वे निबंध के विषय पर ही केन्द्रित रहें तथा अपने विचारों को सुनियोजित रूप से व्यक्त करें और संक्षेप में लिखें। प्रभावी और सटीक अभिव्यक्ति के लिए अंक प्रदान किए जाएंगे।
UPSC Mains Syllabus | Paper 2: सामान्य अध्ययन-I
No.-1. सामान्य अध्ययन-I: भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल और समाज
No.-2. भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे।
No.-3. 18वीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास महत्वपूर्ण घटनाएं, व्यक्तित्व, विषय।
No.-4. स्वतंत्रता संग्राम- इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदा देने वाले महत्वपूर्ण व्यक्ति उनका योगदान।
No.-5. स्वतंत्रता के पश्चात देश के अंदर एकीकरण और पुनर्गठन।
No.-6. विश्व के इतिहास में 18वीं सदी की घटनाएं यथा औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध राष्ट्रीय सीमाओं का पुन: सीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन शास्त्र जैसे साम्यवाद, पूंजीवाद, समाजवाद आदि शामिल होंगे, उनके रूप और समाज पर उनका प्रभाव।
No.-7. भारतीय समाज की मुख्य विशेषताएं भारत की विविधता।
No.-8. महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन, जनसंख्या एवं सम्बद्ध मुद्दे, गरीबी और विकासात्मक विषय, शहरीकरण, उनकी समस्याएं और उनके रक्षोपाय।
No.-9. भारतीय समाज पर भूमंडलीकरण का प्रभाव।
No.-10. सामाजिक सशक्तीकरण, सम्प्रदायवाद, क्षेत्रवाद और धर्म निरपेक्षता । विश्व के भौतिक भूगोल की मुख्य विशेषताएं।
No.-11. विश्वभर के मुख्य प्राकृतिक संसाधनों का वितरण (दक्षिण एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप को शामिल करते हुए), विश्व (भारत सहित) के विभिन्न भागों में प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र के उद्योगों को स्थापित करने के लिए जिम्मेदार कारक।
No.-12.भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखीय हलचल, चक्रवात आदि जैसी महत्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएं, भूगोलीय विशेषताएं और उनके स्थान अति महत्वपूर्ण भूगोलीय विशेषताओं (जल-स्रोत और हिमावरण सहित ) और वनस्पति एवं प्राणि-जगत में परिवर्तन और इस प्रकार के परिवर्तनों के प्रभाव।
UPSC Mains Syllabus | Paper 3: सामान्य अध्ययन-II
No.-1. सामान्य अध्ययन-II: शासन व्यवस्था संविधान शासन प्रणाली, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध।
No.-2. भारतीय संविधान ऐतिहासिक आधार विकास, विशेषताएं, संशोधन, महत्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना।
No.-3. संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढांचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियां, स्थानीय स्तर पर शाक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियां।
No.-4.विभिन्न घटकों के बीच शक्तियों का पृथक्करण, विवाद निवारण तंत्र तथा संस्थान।
No.-5. भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य देशों के साथ तुलना।
No.-6. संसद और राज्य विधायिका संरचना, कार्य, कार्य संचालन शक्तियां एवं विशेषाधिकार और इनसे उत्पन्न होने वाले विषय।
No.-7. कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्य सरकार के मंत्रालय एवं विभाग प्रभावक समूह और औपचारिक/अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में उनकी भूमिका।
No.-8. जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएं।
No.-9. विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति और विभिन्न संवैधानिक निकायों की शक्तियां, कार्य और उत्तरदायित्व।
No.-10. सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय।
No.-11. सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
No.-12. विकास प्रक्रिया तथा विकास उद्योग – गैर सरकारी संगठनों स्वयं सहायता समूहों, विभिन्न समूहों और संघों, दानकर्ताओं, लोकोपकारी संस्थाओं, संस्थागत एवं अन्य पक्षों की भूमिका।
No.-13. केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं और इन योजनाओं का कार्य निष्पादन, इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिए गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय।
No.-14. स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।
No.-15. गरीबी और भूख से संबंधित विषय।
No.-16. शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेस अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएं, सीमाएं और संभावनाएं; नागरिक चार्टर, पारदर्शिता एवं जवाबदेही और संस्थागत तथा अन्य उपाय।
No.-117. लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका।
No.-18. भारत इसके पड़ोसी-संबंध।
No.-19. द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
No.-20.भारत के हितों, भारतीय परिदृश्य पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव।
महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएं और मंच उनकी संरचना, अधिदेश।
UPSC Mains Syllabus | Paper 4: सामान्य अध्ययन-III
No.-1. सामान्य अध्ययन-III: प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन
No.-2. भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति विकास तथा रोजगार से संबंधित विषय।
No.-3. समावेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय।
सरकारी बजट।
No.-1. मुख्य फसलें देश के विभिन्न भागों में फसलों का पैटर्न सिंचाई के विभिन्न प्रकार एवं सिंचाई प्रणाली- कृषि उत्पाद का भंडारण, परिवहन तथा विपणन संबंधित विषय और बाधाएं, किसानों की सहायता के लिए ई-प्रौद्योगिकी।
No.-2. प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषयः जन वितरण प्रणाली-उद्देश्य, कार्य, सीमाएं, सुधार, बफर स्टॉक तथा खाद्य सुरक्षा संबंधी विषय; प्रौद्योगिकी मिशन, पशु-पालन संबंधी अर्थशास्त्र।
No.-3. भारत में खाद्य प्रसंस्करण एवं संबंधित उद्योग कार्यक्षेत्र एवं महत्व, स्थान, ऊपरी और नीचे की अपेक्षाएं, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन।
भारत में भूमि सुधार।
No.-1. उदारीकरण का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा औद्योगिक विकास पर इनका प्रभाव।
No.-2. बुनियादी ढांचा ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि ।
निवेश मॉडल।
No.-1. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी – विकास एवं अनुप्रयोग और रोजमर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव।
No.-2. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां, देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।
No.-3. सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष कम्प्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-टैक्नोलॉजी, बायो-टैक्नोलॉजी और बौद्धिक सम्पदा अधिकारों से संबंधित विषयों के संबंध में जागरूकता।
No.-4. संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।
आपदा और आपदा प्रबंधन।
No.-1. विकास और फैलते उग्रवाद के बीच संबंध।
No.-2. आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती उत्पन्न करने वाले शासन विरोधी तत्वों की भूमिका।
No.-3. संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को चुनौती आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की भूमिका साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें, धन-शोधन और इसे रोकना।
No.-4. सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियां एवं उनका प्रबंधन संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच संबंध।
No.-5. विभिन्न सुरक्षा बल और संस्थाएं तथा उनके अधिदेश।
UPSC Mains Syllabus | Paper 5: सामान्य अध्ययन-IV
सामान्य अध्ययन-IV: नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरूचि।
No.-1. इस प्रश्न-पत्र में ऐसे प्रश्न शामिल होंगे जो सार्वजनिक जीवन में उम्मीदवारों की सत्यनिष्ठा, ईमानदारी से संबंधित विषयों के प्रति उनकी अभिवृत्ति तथा उनके दृष्टिकोण तथा समाज से आचार-व्यवहार में विभिन्न मुद्दों तथा सामने आने वाली समस्याओं के समाधान को लेकर उनकी मनोवृत्ति का परीक्षण करेंगे।
No.-2. इन आयामों का निर्धारण करने के लिए प्रश्न-पत्रों में किसी मामले के अध्ययन (केस स्टडी) का माध्यम भी चुना जा सकता है।
No.-3. मुख्य रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों को कवर किया जाएगा।
No.-4. नीतिशास्त्र तथा मानवीय सह-संबंध: मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सार तत्व, इसके निर्धारक और परिणाम; नीतिशास्त्र के आयाम; निजी और सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र। मानवीय मूल्य महान नेताओं सुधारकों और प्रशासकों के जीवन तथा उनके उपदेशों से शिक्षा; मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका।
No.-5. अभिवृत्तिः सारांश (कंटेन्ट), संरचना, वृत्ति विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं संबंध; नैतिक और राजनीतिक अभिरूचि सामाजिक प्रभाव और धारणा।
No.-6. सिविल सेवा के लिए अभिरूचि तथा बुनियादी मूल्य, सत्यनिष्ठा, भेदभाव रहित तथा गैर तरफदारी, निष्पक्षता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव, कमजोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता तथा संवेदना।
No.-7. भावनात्मक समझः अवधारणाएं तथा प्रशासन और शासन व्यवस्था में उनके उपयोग और प्रयोग।
No.-8. भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों के योगदान।
No.-9. लोक प्रशासनों में लोक / सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्र स्थिति तथा समस्याएं; सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएं तथा दुविधाएं, नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतों के रूप में विधि, नियम, विनियम तथा अंतर्रात्मा; शासन व्यवस्था में नीतिपरक तथा नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण: अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिंग) में नैतिक मुद्दे; कारपोरेट शासन व्यवस्था ।
No.-10. शासन व्यवस्था में ईमानदारी: लोक सेवा की अवधारणा; शासन व्यवस्था और ईमानदारी का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता, सूचना का अधिकार, नीतिपरक आचार संहिता, आचरण संहिता, नागरिक घोषणा पत्र कार्य संस्कृति, सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता, लोक निधि का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियां।
No.-11. उपर्युक्त विषयों पर मामला संबंधी अध्ययन (केस स्टडी)
UPSC IAS Mains Optional Syllabus
No.-1. लोक सेवा आयोग में मुख्य परीक्षा के दौरान सभी शिक्षार्थियों को एक ऑप्शनल या वैकल्पिक (Optional) विषय का भी चुनाव करना होता है। अधिकांश छात्र अपनी स्नातक या स्नातकोत्तर डिग्री के आधार पर वैकल्पिक विषय का चयन करते हैं।
No.-2. इस विषय को चुनते समय आपको उस विषय को प्राथमिकता देनी चाहिए जिसके बारे में आप सबसे ज्यादा जानते हैं या जिस विषय में आपकी रुचि है।
No.-3. हमने यूपीएससी मुख्य परीक्षा में चुनाव के रूप में उपलब्ध सभी ऑप्शनल विषयों की सूची उपलब्ध करायी है व साथ ही हर एक विषय का सिलेबस सरल हिंदी भाषा में भी उपलब्ध कराया है।
No.-4. नीचे दिए गया सम्पूर्ण UPSC Mains Optional Subject Syllabus ऑफिसियल विज्ञापन से लिया गया है। इसमें त्रुटि की संभावना न के बराबर है, आप इसका प्रिंट आउट भी ले सकते हैं और बाद में इसका अध्ययन कर सकते हैं और अपनी तैयारी की रणनीति को मजबूत कर सकते हैं।
UPSC CSE Frequently Asked Questions
No.-1.UPSC में कितने विषय होते हैं?
Ans. यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) में दो पेपर (i) सामान्य अध्ययन (ii) CSAT तथा मुख्य परीक्षा (Mains) में कुल 9 पेपर होते हैं. जिसमें से 2 भाषा का पेपर होता है, एक निबंध का, 4 सामान्य अध्ययन का तथा दो ऑप्शनल सब्जेक्ट का होता है.
No.-2. UPSC में कितने वैकल्पिक विषय होते हैं?
Ans. UPSC सिविल सर्विस एग्जाम में कुल 47 वैकल्पिक विषय होते हैं. उम्मीदवार को दिए गए विषयों में से केवल एक वैकल्पिक विषय रखने की अनुमति होती है
No.-3. UPSC का इंटरव्यू कितने अंक का होता है?
Ans. UPSC CSE परीक्षा के अंतिम चरण यानी साक्षात्कार खंड का 275 अंकों का वेटेज है।
No.-4. UPSC सीसैट पेपर क्या है?
Ans. सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में दो प्रश्न पत्र होते हैं, पेपर II को सीसैट के नाम से जाना जाता है। इसका फुल फॉर्म Civil Services Aptitude Test होता है।