कालू महरा (उत्तराखंड के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी) की जीवनी : कालू सिंह महरा (Kalu Singh Mahra) का जन्म चम्पावत जिले के लोहाघाट के समीप थुआमहरा गांव में 1831 में हुआ था। कालू सिंह महरा ने अपने युवा अवस्था में ही अंग्रेजों के खिलाफ जंग शुरू कर दी थी। इसके पीछे मुख्य कारण रूहेला के नबाव खानबहादुर खान, टिहरी नरेश और अवध नरेश द्वारा अंग्रेजों के खिलाफ बगावत के लिए पूर्ण सहयोग करने का वायदा था। today we share about स्वतंत्रता सेनानियों की सूची pdf, उत्तराखंड के महापुरुष, स्वतंत्रता सेनानियों के नाम और फोटो
No.-1. इसके बाद कालू माहरा ने चौड़ापित्ता के बोरा, रैघों के बैडवाल, रौलमेल के लडवाल, चकोट के क्वाल, धौनी, मौनी, करायत, देव, बोरा, फत्र्याल आदि लोगों के साथ बगावत शुरू कर दी और इसकी जिम्मेदारी कालू महरा को दे दी गई। पहला आक्रमण लोहाघाट के चांदमारी में स्थिति अंग्रेजों की बैरेंकों पर किया गया। आक्रमण के कारण अंग्रेज वहां से भाग खड़े हुए और आजादी के लिए इन क्रांतिकारीयों ने बैरोंकों को आग के हवाले कर दिया।
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No.-2. पहली सफलता के बाद नैनीताल और अल्मोड़ा से आगे बढ़ रही अंग्रेज सैनिकों की टोली को रोकने के लिए पूरे काली कुमाऊं में जंग-ए-आजादी का अभियान शुरू हुआ। इसके लिए पूर्व निर्धारित शर्तो के अनुरूप पूरे अभियान को तीनों नवाबों द्वारा सहयोग दिया जा रहा था।
No.-3. आजादी के लिए सेना बस्तिया की ओर बढ़ी, लेकिन अमोड़ी के नजदीक क्वैराला नदी के तट पर बसे किरमौली गांव में गुप्त छुपाए गए धन, अस्त्र-शस्त्र को स्थानीय लोगों की मुखबिरी पर अंग्रेजों ने अपने कब्जे में ले लिया और काली कुमाऊं से शुरू हुआ आजादी का यह अभियान बस्तिया में टूट गया।
Kalu Singh Mahra
No.-1. जन्म 1831
No.-2. जन्म-स्थान थुआमहरा गांव, चम्पावत
No.- 3. ‘क्रांतिवीर संगठन’ का निर्माण 1857
No.-4. परिणाम यह हुआ कि कालू महरा को जेल में डाल दिया गया, जबकि उनके नजदीकी सहयोगी आनंद सिंह फत्र्याल एवं बिशन सिंह करायत को लोहाघाट के चांदमारी में अंग्रेजों ने गोली से उड़ा दिया।
No.-5. अंग्रेजों का कहर इसके बाद भी खत्म नहीं हुआ और अस्सी साल बाद 1937 तक काली कुमाऊं से एक भी व्यक्ति की नियुक्त सेना में नहीं की गई। इतना ही नहीं अंग्रेजों ने यहां के तमाम विकास कार्य रुकवा दिए और कालू माहरा के घर पर धावा बोलकर उसे आग के हवाले कर दिया।
कालू महरा को उत्तराखंड का प्रथम स्वतंत्रता सेनानी के नाम से जाना जाता है।
कालू महरा ने ही अंग्रेजों के खिलाफ 1857 में ‘क्रांतिवीर संगठन’ का निर्माण किया था।
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Important MCQ’s
Que.-1.स्ट्रगल इज माई लाइफ के लेखक कौन है?
(a) नेल्सन मंडेला
(b) कार्ल मार्क्स
(c) दति
(d) लियो टाल्सटाय
Ans (a) नेल्सन मंडेला
Que.-2. सहारा मरूस्थल कहाँ स्थित है ?
(a) अमेरिका
(b) उत्तरी अफ्रिका
(c) भारत
(d) इनमें से कोई नहीं
Ans (a) अमेरिका