History of Rajasthan Medieval Period:-राजस्थान के मध्यकालीन इतिहास का काल 650 से 1682 ई. तक मन जाता है इस समय राजस्थान छोटे – छोटे राज्यों में विभक्त था और अधिकांस हिस्सों में राजपूतो का शासन था राजस्थान में शासन करने वाले प्रमुख राजपूत वंश चौहान , प्रतिहार, परमार, सोलंकी य चौलुक्य, राठोर, गुहिलोत, कछवाहा ,भाटी और तोमर आदि थे
History of Rajasthan Medieval Period
No.-1. राजस्थान का चौहान वंश
(a) राजस्थान के चौहान वंश का नामकरण ‘चाहमान’ नामक व्यक्ति के नाम पर हुआ है जो इस वंश का आदिपुरुष था चौहान राजस्थान के विभिन्न स्थानों पर निवास करते थे और सभी जगह अलग – अलग राजा थे |
No.-2. सांभर (शाकम्भरी) के चौहान
(a) चौहानों के शाकम्भरी वंश का संस्थापक वासुदेव था इसी ने सांभर झील का निर्माण कराया था
(b) शाकम्भरी वंश के अन्य प्रमुख राजा अजयराज, अर्णेराज , विग्रहराज , अपरागंगेय ,पृथ्वीराज II, पृथ्वीराज III , सोमेश्वर आदि थे
(c) चौहान वंश के शासक अजयपाल ने राजस्थान में अजमेर नगर की स्थापना की और वहां तारागढ़ नामक किले का निर्माण करवाया
(d) अजयपाल ने अजयप्रियद्रम्स नामक सिक्के जारी किये
(e) अजयपाल ने लगभग 1133 ई. से 1153 ई. तक शासन किया
(f) अजयपाल के बाद अर्णेराज चौहान राज्य का शासक बना उसने सिन्धु तथा सरस्वती नदी तक चौहान राज्य का विस्तार किया उसने अजमेर के निकट हुए युद्ध में सुलतान महमूद की सेना को पराजित किया
(g) अर्णेराज के शाशन के बाद जग्गदेव कुछ समय के लिए चौहान वंश का शासक बना जग्गदेव के बाद विग्रह राज IV चौहान वंश का शासक बना उसके काल को चौहान वंश का स्वर्ण काल कहा जाता था
History of Rajasthan
No.-3. विग्रह राज IV का शासनकाल 1153 से 1163 ई. तक था
No.-4. विग्रह राज IV ने अजमेर में संस्कृत विश्वविध्यालय की स्थापना की जिसे ऐबक ने बाद में तुड़वाकर अढाई दिन का झोपड़ा का निर्माण करवाया
No.-5. विग्रह राज IV को बीसल देव नाम से भी जाना जाता है उसके बीसलपुर नगर को बसाया और वहां बीसलसर झील का निर्माण भी करवाया
No.-6. विग्रह राज IV के बाद
No.-7. अपरागंगेय ,पृथ्वीराज II, पृथ्वीराज III , सोमेश्वर आदि चौहान वंश के शासक बने
No.-8. पृथ्वीराज III को “राय पिथौरा” भी कहा जाता था
No.-9. नाडौल के चौहान
No.-10. चौहानों के नाडौल वंश का संस्थापक लक्ष्मण था
No.-11. इस वंश के अन्य शासक सोभित, बलराज, महेंद्र, बाल प्रशाद, पृथ्वीपाल आदि थे
No.-12. जालौर के चौहान
No.-13. इस वंश की स्थापना कीर्तिपाल ने की |
No.-14. सिरोही के चौहान
No.-15. सिरोही के चौहान वंश की स्थापना लुंबा ने की उसके बाद तेज सिंह, सामंत सिंह , सल्खा, शिवभान इस वंश के प्रमुख शासक हुए
No.-16. शिवभान के पुत्र सहसमल ने सिरोही नगर की स्थापना की और उसी को अपनी राजधानी बनाया
No.-17. राजस्थान का प्रतिहार वंश
No.-18. प्रतिहार स्वयं को लक्ष्मण का वंशज मानते है जो राम के प्रतिहार अर्थात द्वारपाल थे
No.-19. प्रतिहारो की सबसे प्राचीन शाखा मंडौर शाखा थी जिसका संस्थापक हरिशचंद्र था
No.-20. प्रतिहारो की सबसे प्रचलित शाखा जालौर शाखा थी जिसका संस्थापक नागभट्ट I था
No.-21. राजस्थान का परमार/पंवार वंश
No.-22. राजस्थान में प्रतिहार वंश के बाद परमार वंश का शासन हुआ परमारों की दो महत्वपूर्ण शाखाएं आबू व मालवा है
No.-23. परमारों की आबू की शाखा का संस्थापक उल्पराज I था
No.-24. परमारों की मालवा शाका का प्रथम शासक सीअक द्वितीय या श्री हर्ष था जिसकी राजधानी उज्जैन थी
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Important MCQ’s
Que.-1.कालीबंगा किस नदी के तट पर स्थित है ?
(a) सिन्धु
(b) रावी
(c) भोग्वा
(d)घाघर
Ans : (d)घाघर
Que.-2.प्रथम बौद्ध संगीति कब हुई थी?
(a) 480 ई.पू.
(b) 483 ई.पू.
(c) 383 ई.पू.
(d) 488 ई.पू.
Ans : (b) 483 ई.पू.